कभी सूक्ष्म, कभी विराट, अनजानी, अनसुनी कहानियां। कभी सूक्ष्म, कभी विराट, अनजानी, अनसुनी कहानियां।
धूम मचाने वाले प्यारे से मेरे जन्मदिन ! धूम मचाने वाले प्यारे से मेरे जन्मदिन !
नज़र क्यों न आए वो सूरत भली सी रहती थी मुझमें कल तक जो लड़की। नज़र क्यों न आए वो सूरत भली सी रहती थी मुझमें कल तक जो लड़की।
थोड़ी अल्हड़ थोड़ी पागल वो मासूम सी लड़की अप्सराओं और परियों से ज्यादा वो प्यारी सी लड़की। थोड़ी अल्हड़ थोड़ी पागल वो मासूम सी लड़की अप्सराओं और परियों से ज्यादा वो प्...
दुनिया को दिखा रही अपना आकर्षण। दुनिया को दिखा रही अपना आकर्षण।
मग़र ये ज़िन्दगी कहाँ रुकने पाती ! अल्हड़ सी अलबेली सी ज़िन्दगी। मग़र ये ज़िन्दगी कहाँ रुकने पाती ! अल्हड़ सी अलबेली सी ज़िन्दगी।